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संगीत का जादूगर : अद्वीर ✨

कैसे हो आप लोग उम्मीद करती हो अच्छे होंगे।

चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं मुझे उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी।

2025, मुंबई – स्टेडियम में गूंजती आवाज़ें मुंबई का सबसे बड़ा स्टेडियम आज खचाखच भरा हुआ था। हजारों फैंस अपनी जगहों से खड़े होकर "अद्वीर मेहरा" का नाम पुकार रहे थे। "अद्वीर! अद्वीर! अद्वीर!" स्टेज पर पर्दे अभी पूरी तरह उठे भी नहीं थे, लेकिन दीवानगी अपने चरम पर थी। "हमारे दिलों की धड़कन – अद्वीर मेहरा!" "मॉडर्न किशोर कुमार!" "किंग ऑफ मेलोडी!" यह नजारा हर बार होता था। जब भी अद्वीर मेहरा स्टेज पर आता, दुनिया थम जाती।

तभी स्टेज पर एंट्री होती है किसी व्यक्तित्व की जिसको देखकर, सब अचानक चुप हो जाते हैं |

स्टेज पर कदम रखने वाला यह शख्स सिर्फ एक सिंगर नहीं था, बल्कि एक पूरी दुनिया था। 6 फुट 1 इंच की पर्सनैलिटी, एथलेटिक लेकिन ग्रेसफुल बॉडी, और चेहरे पर एक चार्म जो किसी को भी दीवाना बना दे। उसकी सबसे खास बात थी भूरी, गहरी और रहस्यमयी आँखें, जो हर लफ्ज़ के साथ एक नई कहानी कहती थीं। उसके घने, सिल्की बाल, हल्की लहरों में बिखरे हुए थे, और जब वह गाता, तो उसकी लंबी, शार्प उंगलियाँ माइक को इस अंदाज़ में थामती थीं जैसे वह हर सुर को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाहता हो। उसने आज ब्लैक सिल्क शर्ट पहनी थी, जिसकी बाज़ुएँ मोड़ी हुई थीं। उसकी कलाई पर एक स्टाइलिश घड़ी थी और गले में छोटा सा रुद्राक्ष का लॉकेट, जो उसकी माँ ने दिया था। यह उसे हर मुश्किल वक्त में ताकत देता था।

स्टेज पर रोशनी गिरी, और उसने आँखें बंद करके पहला सुर छेड़ा— "रूप तेरा ऐसा... जैसे चाँद की किरणें..." बस, फिर क्या था। पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया, जैसे किसी ने सबकी धड़कनें रोक दी हों। और फिर, कुछ सेकंड बाद... हजारों लोगों की दीवानगी भरी चीखें! उसकी आवाज़ में एक कशिश थी—एक जादू, जो सीधे दिल में उतर जाता था। कई लड़कियाँ रो रही थीं, कई लोगों के चेहरे पर सिर्फ विस्मय था। "ये लड़का गाता नहीं, रूह तक महसूस कराता है..." किसी ने कहा।

वह कोई आम सिंगर नहीं था। उसके लिए म्यूजिक सिर्फ एक करियर नहीं था, बल्कि एक इबादत थी। जब वह गाता, तो हर शब्द में उसकी आत्मा झलकती थी। वह सिर्फ धुनें नहीं बनाता था, बल्कि उन धुनों में अपनी पूरी जिंदगी डाल देता था। उसकी आवाज़ में किशोर कुमार की मासूमियत, रफ़ी की गहराई और अरिजीत की दर्दभरी सादगी थी। यही वजह थी कि लोग उसे सिर्फ एक गायक नहीं, एक एहसास मानते थे।

स्टेज के सामने प्रेस रिपोर्टर्स और मीडिया के कैमरे चमक रहे थे। "अद्वीर! हमें एक स्माइल!" "एक सेल्फी प्लीज़!" हर कोई उसकी एक झलक को कैद कर लेना चाहता था। एक जर्नलिस्ट ने अपने साथी से कहा, "यार, ये बंदा सिर्फ सिंगर नहीं, एक फीलिंग है! जिस तरह लोग किशोर कुमार के दीवाने थे, वैसे ही लोग इसे पूजते हैं!" दूसरा रिपोर्टर हँसते हुए बोला, "और इसकी आँखें... पता नहीं क्यों, जब ये गाता है, तो लगता है कि इसमें कोई पुराना दर्द है। कोई अधूरी कहानी छुपी है इसमें..."

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अवि ✍️

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butterscotch _01

Sweet on the surface, storm in the script